|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
84@¬“¤“‡EŒ³’¬—·si2025.5.12`14j |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
“Œ‹ž‰w‚ð‚VŽž‚R•ª”‚̂Ђ©‚è‚Éæ‚èA‰ªŽR‰w‚É‚P‚PŽž‚U•ª‚É’…‚B‰ªŽR‰w‚ð‚P‚QŽž‚Q‚R•ª‚̃oƒX‚ÅV‰ªŽR`‚Ö |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚P‚QŽž‚T‚V•ª‚É’…‚BV‰ªŽR`‚ð‚P‚SŽž”‚̃tƒFƒŠ[‚Ŭ“¤“‡‚Ì“y¯¯`‚É‚P‚TŽž‚P‚O•ª‚É’…‚B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@—\’èB |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@@‰ªŽR‰w@@@@@ƒtƒFƒŠ[@@@@¬“¤“‡@@@@@“y‚̯` |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@¬“¤“‡FÅ‚•W‚‚ͯƒPéŽR‚Ì‚W‚P‚V‚BlŒû‚Q–œ‚TçlB“yŸºŠC‹¬‚ð‹²‚ñ‚ż‚Ì‘O“‡‚Æ–{“‡‚ð‡‚킹‚Ĭ“¤ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@“‡B‹‚ª¼‚ðŒü‚¢‚Ä‚¢‚é—l‚È“Á’¥“I‚ÈŒ`‚ð‚µ‚Ä‚¨‚èAŠCŠÝü‚͕ω»‚É•x‚Ý‘½”‚Ì”¼“‡‚Æ“ü]‚ª‚ ‚éB‘f–ËAÝ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@–ûA’ÏŽÏAŒÓ–ƒ–ûAƒIƒŠ[ƒu‚̶ŽYB”¼“‡‚ͬ‚³‚È“‡‚ª—¤‘±‚«‚ɂȂÁ‚½‚悤‚È‹ù’cŽq‚̂悤‚¾B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@@“‡‚ɂ͂W‚W‚ÌŽ›‰@‚Æ‚W‚W‚̈Á‚ª‚ ‚éB‚±‚±‚łଓ¤“‡u”ª\”ªƒPŠ„‚èv‚ªo—ˆ‚éBiˆê”ÔŽDŠ“´‰_ŽRA”ª |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@\”ª”ÔŽDŠ“í—ìˆÁj |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
ˆê“ú–Úi°‚êj |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@ƒ^ƒNƒV[‰ïŽÐ‚ÆŠÏŒõˆÄ“àŠ‚ÅBd‚ËŠâ‚ÌŠÏŒõ‚ð•·‚‚Æu–Ú“I’n‚Ń^ƒNƒV[‚ð‰ºŽÔ‚µ‚Ä‚R‚T‚O’i‚ÌÎ’i‚ðã‚èA |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@X‚É‹·‚¢Šâ‚ÌŠÔ‚ð½‚ð—Š‚è‚ÉŽR‚ðã‚ç‚˂΂Ȃç‚È‚¢ã‚è‚É–ñ‚Q‚O•ª’ö‚©‚©‚éBv‚Ƃ̎–B‰•œ‚Å‚S‚O•ªBƒ^ƒNƒV |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@[‘オ‚à‚Á‚½‚¢‚È‚¢B‚Å‚ÍA‹A‚è‚͘HüƒoƒX‚ÆŽv‚Á‚½‚ªƒoƒX’â‚܂łÍX‚É‚P‚O•ª‚Í‚©‚©‚邯‚ÌŽ–‚Å‚µ‚½BŠëŒ¯‚Æ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@ŽžŠÔ‚Ì–³‘ʂŒú‚߂鎖‚É‚µ‚½B‚Ü‚½ƒIƒŠ[ƒu‘åŽ÷‚à—\–ñ‚ª•K—v‚ÅA‰½‚©‘ÌŒ±‚ð‚µ‚È‚¯‚ê‚΂Ȃç‚È‚¢‚Ƃ̎–‚Å’ú‚ß |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚½BƒGƒ“ƒWƒFƒ‹ƒ[ƒh‚Í–¾“ú‚ÌŠÏŒõ‚ÌŒã‚É•ÏXB |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚P.d‚ËÎFŽRã‚É‚ ‚éÎØ‚è’šêÕBƒ~ƒƒƒ“ƒ}[‚̉©‹à‚ÌŠâ‚Ì—l‚É—Ž‚¿‚»‚¤‚Å—Ž‚¿‚È‚¢ŠâB@ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚Q.ƒIƒŠ[ƒu‘åŽ÷F‚Q‚O‚P‚P”N‚ɃXƒyƒCƒ“‚̃Aƒ“ƒ_ƒ‹ƒVƒA’n•û‚©‚çˆÚABŽ÷—î‚P‚O‚O‚O”NB |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@ŽžŠÔ‚ª‚ ‚é‚̂œy‚̯`‚Ì•t‹ß‚ðŽUô‚·‚éBƒtƒFƒŠ[æ‚èê‚ÌŠÏŒõˆÄ“àŠ‚Ì‘O‚̃eƒ‰ƒX‚Éu‘¾—z‚Ì‘¡‚蕨v‚ª |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@Œš‚¿AŠÏŒõ‹q‚ÌŽÊ^ƒXƒ|ƒbƒgB“¹‚̘e‚̉Ԓd‚ÉŠGŽèކ‚ð•`‚¢‚½‚T‚O‚ƒ‚ˆÊ‚Ì΂ª“_X‚Æ’u‚¢‚Ä‚ ‚éBX‚ɉœ‚É |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@u•½˜a‚ÌŒQ‘œv‚̃uƒƒ“ƒY‘œ‚ª‚ ‚Á‚½B‚±‚ê‚ç‚ðŒ©‚ÄƒtƒFƒŠ[æ‚èê‚̉¡‚̃zƒeƒ‹‚Ƀ`ƒFƒbƒNƒCƒ“B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚R.‘¾—z‚Ì‘¡‚蕨F‚Q‚O‚P‚R”N£ŒË“à‘ÛŒ|pՂŧ삳‚ꂽA’¼Œa‚R‚‚Ì‹àF‚É‹P‚ƒIƒŠ[ƒu‚̉¤Š¥B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚S.•½˜a‚ÌŒQ‘œFƒ‚ƒ`[ƒt‚ͬ“¤“‡og‚Ì’ÙˆäžÄ‚Ì•s‹€‚Ì–¼ìu“ñ\Žl‚Ì“µv‚Ì‘åÎæ¶‚Æ‚P‚Ql‚ÌŽq‹Ÿ’B‚ªƒ‚ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@ƒfƒ‹‚̃uƒƒ“ƒY‘œB•½˜a‚Ö‚Ì‹F‚è‚ðž‚ß‚P‚X‚T‚U”N‚ɧ삳‚ꂽB |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@@@ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@@d‚ËÎiŽØ—pj@@@@ƒIƒŠ[ƒu‘åŽ÷iŽØ—pj@@@@@‘¾—z‚Ì‘¡‚蕨@@@•½˜a‚ÌŒQ‘œ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@“ñ“ú–Úi°‚êj |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@ˆê“úŠÏŒõƒoƒX‚ÅŠÏŒõ‚·‚éB“y¯ŠÏŒõƒZƒ“ƒ^[‘O‚ð‚P‚OŽž‚P‚T•ª‚Éo”Bo”‚µ‚Ä‚·‚®‚ɬ“¤“‡–{“‡‚Æ“y¯’¬‘O |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@“‡‚ÌŠÔ‚Ì‘S’·‚Q.‚T‚‹‚‚ÌŠC‹¬iÅ‚à‹·‚¢•‚Í‚P‚O‚Žãj‚Ì“yŸºŠC‹¬i‚P‚X‚X‚V”N‚É¢ŠE‚ÅÅ‚à‹·‚¢ŠC‹¬‚ŃMƒlƒX |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚É“o˜^j‚ðŽ¦‚·ƒA[ƒ`‚ªŒ©‚¦‚½BX‚ÉŽR“¹‚É“ü‚Á‚Ä‚µ‚΂ç‚s‚‚ƉEŽè‚̬‚‚¢Š‚É‚‚³‚V‚O‚‚Ìu¢ŠEˆê—D‚µ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚¢ŠÏ‰¹—lv‚őٓà‚ɂ͂P‚S‚O‚O‚O‘Ì‚Ì‘Ù“à•§‚ªˆÀ’u‚³‚ê‚Ä‚¢‚é‘åŠÏ‰¹‘œ‚ªŒ©‚¦‚Ä‚«‚½B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@@“yŸºŠC‹¬@@@@@@‘åŠÏ‰¹‘œ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@‚»‚±‚ð’ʉ߂µ‚P‚O•ª’ös‚‚ÆŠ¦‰àŒkƒXƒJƒCƒ‰ƒCƒ“‚Ì“üŒû‚̉E‘¤‚É’¶Žq’ƒ‰®‚ª‚ ‚èA’“ŽÔB’“ŽÔê‚©‚瓹˜H‚ð‰¡ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@Ø‚Á‚ÄŽR“¹‚ðオ‚Á‚½‚·‚®‰E‘¤‚ɬ‚³‚ÈŒö‰€‚ª‚ ‚éBƒgƒŒƒr‚Ìò‚ð–Í‚µ‚½•¬…Ž{Ýiˆ¤‚Ìòj‚ª‚ ‚éB‚R‚O‚O‚ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@’öオ‚邯ƒNƒWƒƒƒN‚̬‰®‚ª‚ ‚èA‚»‚Ì‚»‚Ì‘O‚ð’Ê‚Á‚Äs‚‚Ɖaê‚̬‰®‚ª‚ ‚éB |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@1.’¶ŽqŠÖ‚¨‚³‚é‚Ì‘ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@‚±‚±‚ɂ͂T‚O‚O•C’ö‚Ì‰Ž‚ª‚Q‚‚ÌW’c‚É•ª‚©‚ê‚Ä’¶ŽqŒk‚ÌŒk’J‚ɉa•t‚¯‚³‚ê‚ÄZ‚ÞB¡‚ͬ‚³‚¢‚Ù‚¤‚ÌW’ci |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@ƒ{ƒX‚̓gƒ‰j‚Ŭ‰®‚Ì•t‹ß‚ÉŽq‰Ž‚ðŠÜ‚߬‚³‚ß‚Ì‰Ž‚ª”\•CŒQ‚ê‚Ä‚¢‚éB–Ñ‘U‚¢‚·‚鉎B•ꉎ‚É‚µ‚ª‚݂‚¢‚Ä‚¢ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚éŽq‰ŽB•t‹ß‚É‚ ‚é…ê‚Å…‚ðˆù‚Þ‰ŽA¬Î‚ð’T‚·‰ŽB‰äX‚Ì‘«Œ³‚É‚à‰Ž‚Í‚¤‚낤‚낵‚Ä‚¢‚éB‚Ƃɂ©‚‚©‚í‚¢ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚¢B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@’¶ŽqŠÖ‚¨‚³‚é‚Ì‘@@‰Ž‚ÌŒR’c@@@…‚ðˆù‚Þ‰Ž@@@@@@@@ˆ¤‚Ìò |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@‚»‚±‚ðo‚ÄŠ¦‰àŒkƒXƒJƒCƒ‰ƒCƒ“‚ð‚P‚O•ª‘–‚èÅ‚•ô¯ƒP邯Žl•ûŽwŽR‚ÌŠÔ‚É‚ ‚éŒk’J‚ÌŠ¦‰àŒkŽR’¸i‚U‚P‚Q‚j |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚É’…‚B‚±‚±‚Å’‹HB |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚Q.Ц‰àŒk |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@‚±‚ÌŒk’J‚Í‚P‚R‚O‚O–œ”N‘O‚̉ΎRŠˆ“®‚Åo—ˆ‚½ˆÀŽRŠâEW‰òŠâ‚ª’·‚¢”NŒŽ‚Ì’nŠk•Ï“®‚âZH‚ÅŠïŠâ΂ÌâŒi‚ð |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‘¢‚Á‚½B“ú–{ŽO‘åŒk’J”ü‚̈ê‚ÂB‚±‚±‚ÉŽl‚‚̓W–]‘䂪‚ ‚éB‚ǂ̓W–]‘ä‚àŠá‰º‚É“àŠCA“ñ\Žl‚Ì“µ‰f‰æ‘º‚Ì‚ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚é“cƒm‰Y•û–Ê‚ª‹ù’cŽq‚Ì—l‚ÉŒ©‚¦‚½B‰º‚Ìg‰_’é‰wi‚Q‚X‚T‚j‚܂Ń[ƒvƒEƒFƒC‚ʼnº‚è‚鎞A‚Ü‚¶‚©‚Éâ•ÇE |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@ŠïŠâ‚ªŒ©‚ç‚ꂽBH‚Ìg—t‚à‚«‚ê‚¢‚¾‚낤‚ÈB |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@ƒ[ƒvƒEƒFƒC@@@Ц‰àŒk@@“W–]‘ä‚©‚ç‰f‰æ‘º•ûŒü@@Ц‰àŒk‚ÌŠïŠâ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@g‰_’é‰w‚©‚çæ‚Ù‚Ç‚ÌƒoƒX‚Éæ‚èAŽR‚ð‰º‚è“àŠC‚ÌŠCŠÝ‚ɉˆ‚Á‚Ä“c‰Y‚Ì”¼“‡‚Ìæ’[‚É‚ ‚éu“ñ\Žl‚Ì“µ‰f‰æ‘ºv |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚Ö‚R‚O•ª‚Ås‚B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚R.“ñ\Žl‚Ì“µ‰f‰æ‘º |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@”¼“‡‚Ìæ’[‚Ì£ŒË“àŠC‚ðŒ©“n‚·ŠCŠÝ‰ˆ‚¢–ñ‚P–œ‚Ö[‚ׂÉu“ñ\Žl‚Ì“µv‚̃ƒP—pƒZƒbƒgA–Ø‘¢ZŽÉA’jæ¶‚Ì |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‰ÆA‹™Žt‚̉ÆAº˜a‰Šú‚̃Œƒgƒ‚È–Ø‘¢–¯‰Æ“™‚Ì‚ª‚ ‚èA’؈äžÄ•¶ŠwŠÙ‚ɂ͔ޗ‚ªˆ¤—p‚µ‚½’²“x•i‚â¶Œ´e‚Ì“W |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@ަAƒMƒƒƒ‰ƒŠ[¼’|À‚Å‚Íu“ñ\Žl‚Ì“µv‚ðã‰fBŠC‘¤‚É£ŒË“à‘ÛŒ|pì•iuƒ„ƒUƒCƒ‚ƒ“‘ûv‚âLê‚Éu‚¹‚ñ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚¹‚ ‚»‚Úv‚Ì‘åÎæ¶‚ÆŽq‹Ÿ’B‚Ì‚¶‚á‚ñ‚¯‚ñ‚ð‚·‚é‘œA“ñ\Žl‚Ì“µ“V–ž‹{‚ÆÔ‚¢’¹‹‚ª‚ ‚éBu‹ÉãÝ–ûƒ\ƒtƒgv |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚ª’¿‚µ‚‚à‚ ‚è”ü–¡‚µ‚¢‚©‚Á‚½B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@‚±‚±‚©‚ç‚V‚O‚O‚–ß‚Á‚½“¹˜H‚̘e‚ɬà‚Ì•‘‘䂯‚È‚Á‚½u•c‰Hqí¬ŠwZ“c‰Y•ªZvi’¬—LŒ`•¶‰»àj‚ªŒš‚Á |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚Ä‚¢‚½B‰f‰æ‘º‚ÌZŽÉ‚Æ‘S‚“¯‚¶B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚•ôGŽqŽå‰‰@@’j涂̉Æ@@@–¦‚Ì•ª‹³ê@@@ZŽÉ“üŒû@@‹³Žº‚©‚çZ’ë@@ƒ„ƒUƒCƒ‚ƒ“‘û@@@’Ùˆä‰h |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@‚»‚±‚ðo‚Ä”¼“‡‚̂‚¯‚˂ɂ ‚鬓¤“‡’ώς̋½Eˆê“¿ˆÁ‚É—§‚¿Šñ‚éB |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚S.¬“¤“‡’ÏŽÏEˆê“¿ˆÁ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@‚P‚X‚S‚T”N‚Ì‘n‹Æ“–Žž‚Éì‚ç‚ꂽ¬“¤“‡’ώς̌´“_‚Å‚ ‚éˆð‚Ì– ‚Ì’ÏŽÏ‚ð‚Í‚¶‚ßA¬“¤“‡‚ÌÝ–û‚ƒώς̔“WA |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚Ì‹OÕ‚ð‰f‘œ‚âƒpƒlƒ‹‚Å“WަB‡‚킹‚Ä’ÏŽÏEÝ–û‚̔̔„‚àÝ–ûƒ\ƒtƒgƒNƒŠ[ƒ€‚à”„‚Á‚Ä‚¢‚½B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@“àŠC‚ÌŠCŠÝ‰ˆ‚¢‚É‚V‚‹‚’ö‘–‚èA‰EÜ‚µ‚ÄŽR‚ÉŒü‚©‚Á‚Ä‚P‚‹‚’öã‚邯ƒIƒŠ[ƒu‰€‚¾B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚T.ƒIƒŠ[ƒuŒö‰€ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@“ú–{‚É‚¨‚¯‚éƒIƒŠ[ƒu”˂̒n‚ÅA–ñ‚Q‚O‚O‚O–{‚̃IƒŠ[ƒu”¨‚Ɉ͂܂ꂽ“¹‚̉wŒö‰€B‚±‚±‚ɂ̉~Œ`‚Ì”’ˆŸ‚Ì |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@Œš•¨‚͑傫‚ȃIƒŠ[ƒu‹L”OŠÙB“ü‚邯ƒIƒŠ[ƒu‚Ì—_EƒAƒeƒl‘œ‚ªŒ}‚¦‚Ä‚‚ꂽBŠÙ“à‚ɂ̓IƒŠ[ƒu‚Ì—ðŽj‚âŽY |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‹Æ“™‚Ì“WަAƒIƒŠ[ƒuƒIƒCƒ‹‚̔̔„‚ð‚µ‚Ä‚¢‚½BŠO‚Öo‚ăIƒŠ[ƒu”¨‚ÌŠÔ‚ð’ʂ肵‰º‚Á‚½Lê‚ÉAƒMƒŠƒVƒƒ‚Ì |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@ƒ~ƒƒX“‡iŽo–…“sŽsj‚É‚ ‚é•—ŽÔ‚Æ“¯‚¶•¨‚ªŠC‚ÉŒü‚©‚Á‚ÄŒš‚¿A‚»‚ÌŽü‚è‚ł͒†‘l‚âŠØ‘l‚Ì’c‘Ì‚ª‘Ý‚µo‚³ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚ꂽⴂɂ܂½‚ª‚è”ò‚Ñ’µ‚˂ĎÊ^‚ðŽB‚Á‚Ä‚¢‚éBu–‚—‚Ì‘î‹}•Öv‚Ì–‚—‚Ì^Ž—‚©B‹L”OŠÙ‚Ì‘O‚ɂ̓IƒŠ[ƒuF |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚̃|ƒXƒg‚ª—§‚¿A“àŠC‚ÌŒü‚±‚¤‚ɉf‰æ‘º‚à–]‚ß‚ç‚ꂽB |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@@ˆê“¿ˆÁ@@@@@ƒAƒeƒl‘œ@@ƒMƒŠƒVƒƒ•—ŽÔ@@ƒIƒŠ[ƒu”¨“üŒû@@—΂̃|ƒXƒg |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@‘S‚Ă̊όõ‚ðI‚¦“y¯`‚֖߂邪AƒGƒ“ƒWƒFƒ‹ƒ[ƒh‚ðŒ©‚éˆ×‚É“r’†‚ʼnº‚µ‚Ä‚à‚ç‚Á‚½B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚U.ƒGƒ“ƒWƒFƒ‹ƒ[ƒh |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@‘Ûƒzƒeƒ‹‚Ì‘O‚Ì“¹‚ð‚R•ª’ö–߂邯ƒGƒ“ƒWƒFƒ‹ƒ[ƒh“üŒû‚̊Ŕ‚ª‚ ‚Á‚½B‰E‚ÉÜ‚ê‚Á‚ĉE‘¤‚̶ŠK‚ð‚T‚O’i |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@’öオ‚邯ôˆêô‚Ì‹·‚¢ƒGƒ“ƒWƒFƒ‹ƒ[ƒhŒö‰€E‚»‚±‚Éu—öl‚̹’nv‚Æ‚¢‚¤à‚ª‚ ‚è–‚炵‚Ä‚«‚½B‚»‚±‚©‚ç |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@Œ©‰º‚ë‚·ƒGƒ“ƒWƒFƒ‹ƒ[ƒh‚ÍŒü‚±‚¤‚ٓ̕V“‡A’†—]“‡A¬—]“‡A‘å—]“‡‚܂Ōq‚ª‚è‚Í‚Á‚«‚茩‚¦‚éB“n‚Á‚Ä‚¢‚é |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@l‚Í‹a‚Ì—l‚ÉŒ©‚¦‚éB‚±‚̃[ƒh‚Í“ú‚É“ñ‰ñб’ªŽž‚ÉŒ»‚ê‚錻ÛB‚±‚ÌŽžŠÔ‘Ñi‚P‚T`‚P‚VŽžj‚ªŠ±’ª‚ɂȂ鎖 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚Í’²¸ÏB•l•Ó‚ð•à‚«˜HüƒoƒX‚̃oƒX’â‚ÖBƒzƒeƒ‹‚Ö–ß‚éB |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@ƒGƒ“ƒWƒFƒ‹ƒ[ƒhŒö‰€@@ƒGƒ“ƒWƒFƒ‹ƒ[ƒh@@@ƒGƒ“ƒWƒFƒ‹ƒ[ƒh‚ƕٓV“‡ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
ŽO“ú–Úi°‚êj |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@ƒtƒFƒŠ[‚Å“y¯`‚ð‚VŽž‚Éo‚ÄV‰ªŽR`‚É‚WŽž‚P‚O•ª‚É’…‚BV‰ªŽR`‚©‚çƒoƒX‚ʼnªŽR‰w‚És‚«A‰ªŽR‰w‚ð‚X |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@Žž‚R‚U•ª‚Éo‚ÄV_ŒË‰w‚É‚P‚OŽž‚R‚R•ª‚É’…‚B’n‰º“S‚ÅŽO‹{‚Öo‚Ķ“c_ŽÐ‚Ös‚B‰w‚ðオ‚Á‚Ä‚T‚O‚‚Å’¹ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‹‚Ì‘O‚É’…‚B’¹‹‚ð‚‚®‚èŽQ“¹‚ð‚V‚O‚s‚‚ƘO–傪‚ ‚éB˜O–å‚ð‚‚®‚邯”q“aE–{“a‚Ì‘O‚Éo‚éB |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚P.¶“c_ŽÐi‘nŒš‚Í‚Q‚O‚P”NAˆÀŽY‹FŠèA—öˆ¤¬A‚̌䗘‰vj |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@Õ_‚͈ɨ_‹{“à‹{‚ÉâJ‚肳‚ê‚é“VÆ‘å_‚Ì–…_E’t“ú—‘¸B”q“a‚Æ–{“a‚̊Ԃ̉E‘¤‚ÉZ‹g_ŽÐA”ª”¦_ŽÐ‚ª |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚ ‚è¶‘¤‚Éz–K_ŽÐA“ú‹g_ŽÐ‚ª‚ ‚éB–{“a‚̼‘¤‚Ìu¶“c‚Ì’rv‚Ì‘O‚ÉŽs‹n“‡_ŽÐ‚ªA“Œ‘¤‚Ɉî‰×_ŽÐA‘¼‚É |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚ ‚¿‚±‚¿‚ÉŽéF‚̑嬂̂W‚Ì_ŽÐ‚ª‚ ‚éB–{“a‚Ì— ‚É‚Íu¶“c‚ÌXv‚ª‚ ‚èAŒ¹•½‡í‚Ìíê‚Æ‚È‚Á‚½‚Æ‚©B@ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@Ž÷—î‚U‚O‚O”N‚Ì“í‚Ì‚²_–؂⌹•½‚ɂ䂩‚è‚Ì‚ ‚éuŠŒ´‚̈äv,u“Ö·‚Ì”‹v,u•ÙŒc‚Ì’|v‚ª‚ ‚Á‚½BŽQ”q‚µ‚Ä |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚¢‚él‚Í‘½‚AŠOl‚Ì’c‘Ì“™ŠÜ‚ß–ñ”¼”‚ÍŠO‘lH |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@@@’¹‹@@@@@˜O–å@@@@@”q“aE–{“a@@@@“í‚ÌŒä_–Ø@@¶“cˆî‰×‘å–¾_@@¶“c’r‚Ì•¬… |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
ŠŒ´‚̈ä
“Ö·‚Ì”‹
•ÙŒc‚Ì’| |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@ŽO‹{‰w•t‹ß‚©‚çƒ^ƒNƒV[‚Ń|[ƒgƒ^ƒ[‚Ös‚B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚Q.ƒ|[ƒgƒ^ƒ[i—LŒ`•¶‰»àj |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@¢ŠE‰‚̃pƒCƒv\‘¢‚Å‚P‚X‚U‚R”N‚ÉvH‚µ‚½‚‚³‚P‚O‚W‚AŒÛ‚ðˆø‚«‰„‚΂µ‚½Œ`‚̃^ƒ[BƒƒŠƒPƒ“ƒp[ƒN‚É |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@Œš‚ÂBƒ^ƒ[‚ÌÅãŠK‚Ì“W–]Žº‚ÖƒGƒŒƒx[ƒ^[‚Ÿ‚èAŠK’i‚Å‚à‚¤ˆêŠKã‚Ì“W–]‘ä‚Öオ‚éB‚»‚±‚©‚ç‚͘ZbŽR |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@ŒnA‰º‚É_ŒË`A‰“‚‚Í‘åãA’W˜H“‡‚ªŒ©“n‚¹‚½B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
. |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@ƒ|[ƒgƒ^ƒ[@@@˜Zb‚ÌŽR•À‚Ý@@@@@_ŒË` |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@ŽlŠK•ªŠK’i‚ʼnº‚è‚ăGƒŒƒx[ƒ^[‚Éæ‚è’nã‚Ö–ß‚èAƒ|[ƒgƒ^ƒ[‰¡‚©‚ç’†‰ØŠXi“싞’¬j‚Ì“Œ–å‚܂Ń^ƒNƒV |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@[‚Ås‚B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚R.“싞’¬ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@“Œ¼‚Q‚V‚O‚A“ì–k‚P‚P‚O‚‚É‚P‚O‚O’´‚Ì“X•Ü‚ª‚ ‚éB“ú–{ŽO‘å’†‰ØŠXi‰¡•l’†‰ØŠXA’·è’†‰ØŠXj‚̈ê‚ÂB |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@–kˆÈŠO‚Ì“üŒû‚ɂ͓ƓÁ‚Ȗ傪Œš‚¿A“¹‚ªŒð·‚·‚é’†‰›‚ɂ͓싞Lꂪ‚ ‚éBLê‚ɂ͂T‚O‚ƒ‚‚̑傫‚³‚ÌŠ±Žx‚Ì |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@’u•¨‚ª’ÁÀ‚µ‚Ä‚¢‚½B“Œ–å‚ð“ü‚邯’†Šw¶‚ÌCŠw—·s¶‚âŠOl‚à‚¨‚艌wŽž‚Ì—l‚Él‚Ì”gB—¼‘¤‚Ì“X‚Í“¹˜H‚É‚¹ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@‚èo‚µ“Xˆõ‚ª‹q‚ðŒÄ‚Ñž‚Þº‚ª‹¿‚B_ŒË‹‚Ì‹øÄ‚«A“÷‚Ü‚ñ“™‚ð•à‚«‚È‚ª‚ç‚Æ‚©“X‚Ì‘O‚̃xƒ“ƒ`‚ÅH‚ׂĂ¢‚½B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@ŒÄ‚Ñž‚܂ꂽ“X“à‚ÖB’‹HB |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@’·ˆÀ–åi“Œ–åj@@
“싞’¬Lê
@¼ˆÀ–åi¼–åj@ŠCžÄ–åi“ì–åj@@_ŒËŽs‚̃}ƒ“ƒz[ƒ‹ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@@JRŒ³’¬‰w‚ð‚P‚RŽž‚V•ª‚Éo‚ÄV‘åã‚É‚P‚RŽž‚S‚Q•ª‚É’…‚BŠÖ¼‚Ì—Fl‚ÆŽð‚ðŽÞ‚ÝŒð‚킵‹ŒŒð‚ð‰·‚ß‚ÄAV‘å |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
@ã‚ð‚P‚VŽž‚P‚W•ª‚Éo‚Ä“Œ‹ž‚É‚Q‚OŽž‚X•ª’…B–³Ž–Š®—¹B |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|